रुद्राक्ष माला पहनने के लाभ, नियम,कारण,पालन, रुद्राक्ष का विज्ञान, साधु रुद्राक्ष क्यों पहनते हैं

मित्रों आज हम आपको इसलिए के माध्यम से रुद्राक्ष धारण करने के लाभ, रुद्राक्ष माला पहनने के लाभ, नियम,कारण,पालन, रुद्राक्ष का विज्ञान, साधु रुद्राक्ष क्यों पहनते हैं ? रुद्राक्ष की माला कब पहननी चाहिए कब नहीं पहनना चाहिए किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं पहनना चाहिए इसके बारे में हम आपको विस्तृत जानकारी देंगे ।

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रुद्राक्ष माला पहनने के लाभ, नियम,कारण,पालन, रुद्राक्ष का विज्ञान

 

रुद्राक्ष का परिचय

रुद्राक्ष प्रकृति की एक ऐसी अद्भुत वस्तु है जिसका वर्णन व महत्व हमारी प्राचीन सनातनसनातन ग्रंथों में वर्णित है । रुद्राक्ष के वृक्षों पर लगने वाले फल के बीज को रुद्राक्ष कहते हैं। यह एक दिव्य शक्ति बीज है। जो शिव तत्व से जुड़ा है। इसमें आध्यात्मिक विश्वरूपता के साथ-साथ चुंबकीय गुण भी हैं। रुद्राक्ष धारक के व्यक्तित्व में बदलाव आकर्षण शक्ति में वृद्धि आत्मविश्वास तथा भौतिक सुख साधनो में प्राप्ति के योग सकारात्मक रूप से आने लगते है।

रुद्राक्ष का शोध व अध्ययन

जाबालोपनिषद, जिसे जाबाल ऋषि ने रचा था। इस उपनिषद में रुद्राक्ष के गुण धर्म के बारे में बताया गया है इस विचित्र बी पर गहरा शोध करने के बाद (जाबाल ऋषि) काशी नरेश के राजवैध बन गए। अपनी चिकित्सा में भी रुद्राक्ष का बहुत प्रयोग करते थे उन दोनों अन्य वैद्य भी इसका प्रयोग रोग निवारण में करने लगे । जाबाल एक सन्यासी थे। इस कारण रुद्राक्ष को सन्यासियों से जोड़ दिया गया। वर्तमान समय में आज भी आप लोग अधिकतर संन्यासियों को रुद्राक्ष की माला धारण करते देखे हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले के जीवन में सुखद बदलाव किसी जादू मंत्र के कारण नहीं अभी तो इसके प्राकृतिक गुणधर्म जिसे वैज्ञानिक आधार है उसके कारण आता है।

रुद्राक्ष की आधुनिक खोज

शोधकरने के बाद आधुनिक वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि रुद्राक्ष माला का शरीर की त्वचा से घर्षण होने पर मनुष्य के शरीर में एक प्रकार का मानव चुंबक एवं मानव विद्युत का निर्माण होता है। शोध के बाद यह भी सिद्ध हो गया कि मनुष्य के शरीर में उत्पन्न होने वाली प्राकृतिक विद्युत और रुद्राक्ष में विद्युतमान विद्युत दोनों में एक जैसी दो मिली वोल्टेज की शक्ति होती है। एक जैसी शक्ति होने के कारण यह मानव शरीर के अनुरूप कार्य करती है। और उसमें मानसिक व शारीरिक परिवर्तन लाती है।

रुद्राक्ष के गुण

रुद्राक्ष में जो विद्युत चुंबक( electromagnetic) और मानव चुंबक (paramagnetic) शक्ति होती है। वह इसके धारक के मस्तिष्क में ऐसी शक्ति भेजती है जो मस्तिष्क के सकारात्मक केदो को सक्रिय करती है जिसके कारण उसके धारक व्यक्ति की सोच में परिवर्तन आता है और उसके अनेक मनोरोग (मानसिक तनाव,उदासी ,अल्प स्मरण शक्ति) आदि दूर हो जाते हैं। और इसके अतिरिक्त रुद्राक्ष से निकलने वाली सकारात्मक तरंगे इसके धारक की नकारात्मक सोच खत्म करती है।

रुद्राक्ष के लाभ

मानसिक रोगों के अतिरिक्त रुद्राक्ष शारीरिक रोग निवारक औषधि भी है यह रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करता है और दमा, अनिद्रा, तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) रोग ज्वार, जुकाम, आदि व्याधियों में भी बहुत उपयोगी है। तथा (डायबिटीज) मधुमेह को भी काम करता है। इसे धारण करने के अतिरिक्त है इसका प्रयोग कई और प्रकार से भी होता है जैसे दूध में उबाल कर, घिसकर शहर के साथ लेना जलाकर इसकी भस्म खाना आदि।

रुद्राक्ष में पाई जाने वाली धातु

रुद्राक्ष में कई प्रकार के खनिज व धातु पाए जाते हैं जैसे तांबा, मैग्नीशियम, लोहा ,चांदी, सोना और बेरियम। सामान्य व्यक्ति के लिए रुद्राक्ष में पाए जाने वाले इन खनिज धातुओं का कोई अर्थ नहीं है परंतु डॉक्टर के लिए इसमें पाए जाने वाले सोना और बेरियम बा हृदय रोग को ठीक करने की क्षमता रखते हैं।

रुद्राक्ष पर आधुनिक खोज

सन 1860 में एक अंग्रेज ऑफिसर जॉन ग्रेट ने रुद्राक्ष के विषय में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। अमेरिका के डॉक्टर एवं ऐब्रराहिम जार्जू की रुद्राक्ष के औषधिय गुणों का गहरा अध्ययन किया। शोध के बाद उसका मानना था कि रुद्राक्ष में निश्चित रूप से मानसिक रोगों को ठीक करने की क्षमता है। विशेष रूप से तनाव को दूर करने व मानसिक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का गुण रुद्राक्ष में है। कुछ वैज्ञानिकों का तो मानना है कि रुद्राक्ष माला एक प्रकार का एंटीना है जिसमें सब प्रकार की नकारात्मकता को नष्ट करने की शक्ति है इसी कारण रुद्राक्ष माला को धारण करने वाले व्यक्ति नकारात्मक सोच से दूर रहते हैं।

 रुद्राक्ष पहनने के नियम

रुद्राक्ष की माला को बहुत ही सात्विक और शुद्ध तरीके से धारण करना चाहिए। अन्यथा इसकी क्रियात्मक प्रक्रिया के कारण यह आपको हानि भी पहुंचा सकता है इसलिए शास्त्रों में बताया गया है कि रुद्राक्ष की माला मांस खाने वाला मदिरा का पान करने वाला तथा अनाचरण करने वाले व्यक्ति को नहीं धारण करना चाहिए । ऐसे समय में यदि वह व्यक्ति धारण करता है तो उसे गंभीर परिणाम का सामना करना पड़ सकता है। रुद्राक्ष को कोई भी धारण कर सकता है चाहे स्त्री हो या पुरुष हो चाहे बच्चा हो नौजवान हो या वृद्ध हो। परंतु उसकी सात्विकता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

 

रुद्राक्ष की माला पहनने से क्या होता है?

रुद्राक्ष की माला पहनने से सकारात्मक सकारात्मक सोच की वृद्धि तथा तनाव,डिप्रेशन अनिद्रा,हृदय रोग आदि रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

रुद्राक्ष की माला पहनने के नियम क्या है?

रुद्राक्ष की माला स्नान करने के बाद पहनना चाहिए, मांस,मदिरा का सेवन करते हुए अथवा अनाचरण करते समय इसे धारण नहीं करना चाहिए ।

रुद्राक्ष माला धारण करने से लाभ

रुद्राक्ष की माला धारण करने से मानसिक रोग शारीरिक रोग जैसे अनिद्रा तांत्रिक हृदय रोग ज्वार जुकाम दमा मधुमेह आदि बीमारियों को ठीक करता है

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