संतोषी माता वर्तमान समय में सबसे प्रचलित देवियों में से एक हैं।ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति santoshi Mata Ki Aarti जानना चाहता है। आज हम आपको Santoshi Mata Ki Aarti: संतोषी माता व्रत कथा और उसका पौराणिक कथा की जानकारी प्रदान करेंगे ।
![Santoshi Mata Ki Aarti](https://vedlok.com/wp-content/uploads/2023/10/Santoshi_Mata_Aarti_Lyrics-1024x768.jpg)
Santoshi Mata Ki Aarti: संतोषी माता कि आरती
अपने सेवक जन को, सुख संपत्ति दाता।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो।।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए।
बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे।
ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे।
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ( 2 बार)
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Santoshi Mata Ki Katha: संतोषी माता व्रत कथा
शिव पुराण के अनुसार गणेश जी की दो पत्नियों हैं जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है। गणेश जी की दोनों पत्नियों प्रजापति राजा विश्वकर्मा जी की पुत्रियां हैं। रिद्धि और सिद्धि दोनों की एक-एक पुत्र थे। सिद्धि से शुभ और ऋद्धि से लाभ नाम के एक-एक पुत्र उत्पन्न हुए । जिन्हें सारा संसार शुभ और लाभ नाम से जानता है।
संतोषी माता किसकी पुत्री हैं ?
संतोषी माता भगवान श्री गणेश जी की पुत्री हैं।
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