मित्रों अपने अष्टांग हृदयम नामक ग्रंथ का नाम अवश्य सुना होगा यह ग्रंथ ऋषि मुनियों के औषधि शोध पर लिखा गया है। क्या आप जानते हैं कि Bakri Ka Doodh Peene Ke Fayde : अष्टांग हृदयम में बकरी का दूध के विषय में क्या बताया गया है इस लेख में हम आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
![अष्टांग हृदयम में बकरी का दूध : Bakri Ka Doodh Peene Ke Fayde](https://vedlok.com/wp-content/uploads/2024/01/20240116_183042-1024x699.jpg)
Bakri Ka Doodh Peene Ke Fayde : अष्टांग हृदयम में बकरी का दूध
आप जानते होगें कि बकरी जल थोड़ा पीती है। कूदना फांदना दौड़ना आदि अनेक प्रकार का व्यायाम करती रहती है।बकरी अनेक प्रकार की वनस्पतियों का सेवन करती है।जिनमें अनेक प्रकार की प्राकृतिक औषधियां भी होती हैं।
यह औषधीय अत्यंत लाभप्रद होती हैं। बकरी अनेक प्रकार की वनस्पतियों का सेवन करती है । उनकी पत्तियों को खाती है जिसके कारण उसके दूध में अनेक रोगों को नष्ट करने की अभूतपूर्व क्षमता होती है।
बकरी का दूध हल्का तथा सुपाचित होता है अर्थात आसानी से बच जाता है। यह अनेक प्रकार के रोगों का नाश करता है जैसे राजयक्ष्मा, श्वास,अतिसार, आदि रोगों को नष्ट करता है।बकरी स्वयं में राज्यक्ष्मा रोग की प्रयोशाला है।
बकरी का मांस, चीनी में मिला हुआ बकरी का दूध, बकरी का घी, बकरियों के बीच में रहना, और बकरियों के बीच में सोना, और उनकी में मैं आवाज सुनना रोग नाशक होता है ।
बकरी के दूध किसी के प्रयोग अलग-अलग प्रयोग प्राचीन संहिताओं में भी मिलते हैं। इस प्रकार बकरी का सर्वांग उपयोग से अनेक प्रकार के फायदे मिलते हैं।
बकरी का दूध पीने से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। क्योंकि बकरी का दूध पीने से हमारे शरीर में नई कोशिकाओं का जन्म होता है इसके पश्चात मनुष्य के शरीर के अंदर उर्जा का विकास होता है जिसके कारण रोग जन्म नहीं ले पाते हैं।
वर्तमान समय में कुछ डॉक्टर डेंगू, मलेरिया की बुखार में आपको बकरी के दूध पीने की सलाह देते हैं। इसका कारण यही है कि डेंगू के बुखार में प्लेटलेट्स की मात्रा बहुत तीव्र गति से घटती है।
जिसके कारण व्यक्ति की स्थिति खराब हो सकती है। इसी कारण बकरी का दूध पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि बकरी के दूध पीने से मनुष्य की रक्त में कोशिकाओं की मात्रा को बढ़ा देती है।
जिसके कारण व्यक्ति की प्लेटलेट्स का अधिकांश मात्रा में घटना बंद हो जाता है और प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाता है। जिसके कारण व्यक्ति सामान्य से अत्यधिक तीव्र गति से ठीक हो जाता है। और वह स्वास्थ्य को प्राप्त होता है।
बकरी का दूध पीने से पेट से संबंधित गंभीर से गंभीर बीमारियों का उपचार बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। जो व्यक्ति लंबे समय से परेशान हैं और लगातार अंग्रेजी इलाज से परेशान है।
उन्हें बकरी का दूध पीना चाहिए क्योंकि बकरी का दूध पाचन के लिए उत्तम होता है जिससे व्यक्ति का भोजन आसानी से पचता है और उसकी पाचन शक्ति बढ़ती है जिसके कारण व्यक्ति पेट की बीमारियों से छुटकारा पा सकता है।
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बच्चों के लिए बकरी का दूध :
बच्चों के लिए मां के दूध के अतिरिक्त और दूसरा कोई विकल्प नहीं है । इस धरती पर बच्चों के लिए सर्वाधिक लाभकारी मां का दूध ही है। परंतु यदि किसी बच्चे को मां का दूध उपलब्ध नहीं हो रहा है।तो उसे बकरी का दूध अति लाभप्रद हो सकता है। बकरी का दूध बच्चों के लिए अधिक लाभप्रद होता है।
इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए गाय का दूध अति उत्तम माना जाता है यदि किसी बच्चों के लिए मां और बकरी का दूध उपलब्ध नहीं हो रहा तो उन बच्चों को गाय का दूध अवश्य देना चाहिए। गाय के दूध को अमृत से तुलना की गई है। गाय का दूध बच्चों से लेकर जवान ,बूढ़े तक सभी के लिए अत्यधिक लाभप्रद है।
बालों के लिए बकरी का दूध :
बालों के लिए बकरी का दूध अधिक लाभप्रद है यदि किसी व्यक्ति के बालों में पतलापन और झड़ने की समस्या है। तो उस व्यक्ति को बकरी के कच्चे दूध से सिर की मालिश करना चाहिए। 10 मिनट की मालिश करने के बाद लगभग 20 मिनट के लिए बालों को खाली छोड़ देना चाहिए ।
20 मिनट के पश्चात बालों को धुल लेना चाहिए। लगातार सप्ताह में दो बार तीन माह तक ऐसा करने से व्यक्ति के बाल काले, घने, लंबे और मजबूत हो जाएंगे और व्यक्ति बालों की झड़ने की समस्या से मुक्ति पा जाएगा।
चेहरे के लिए बकरी का दूध :
चेहरे के लिए बकरी का दूध किसी व्यक्ति के चेहरे में निखार नहीं आ रहा तो वह बकरी के कच्चे दूध का उपयोग कर सकता है। कच्चे दूध को चेहरे पर मालिश करें और मालिश करने के पश्चात् कुछ देर के लिए खाली छोड़ दे।
और उसके उपरांत ठंडे पानी से चेहरे को धुल लेना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के चेहरे में निखार आएगा और चेहरा खिल उठेगा। और चेहरे की त्वचा अत्यधिक कोमल हो जायेगी।