Chhath Puja Wishes In Hindi: छठ पर्व का महत्व

भारत त्योहारों का देश है भारत में सैकड़ो त्योहार मनाए जाते हैं। उन्हें त्योहारों में से एक है छठ महापर्व  इसे सूर्य षष्टी भी कहा जाता है क्या आप जानते हैं कि Chhath Puja Wishes In Hindi: छठ पर्व का महत्व । सूर्य षष्टी के इस व्रत के पर्व में छठी देवी की पूजा के साथ-साथ सूर्य देव की भी पूजा करने का प्रावधान है इसमें उगते हुए और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। हम आपको इस लेख के माध्यम से छठ महापर्व के बारे में उसके महत्व, लाभ और पूजा सामग्री की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

Chhath Puja Wishes In Hindi: छठ पर्व का महत्व
छठ पर्व का महत्व

Chhath puja 2023 in hindi

छठ का पर्व संपूर्ण भारत वर्ष के साथ साथ विदेश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है । यह त्यौहार बिहार राज्य, उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,दिल्ली जैसे राज्यों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है ।बिहार राज्य का प्रमुख त्योहारों में से छठ का पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष षष्ठी प्रतिपदा तिथि को अर्थात दीपावली कि आमावस्या  के बाद छठवें ( षष्ठ ) के दिन मनाई जाती है। 

Chhath puja kab hai

छठ का यह पर्व इस वर्ष अर्थात 2023 में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष षष्ठी प्रतिपदा तिथि को जो 17 नवंबर 2023 से 20 नवंबर 2023 तक मनाया जाएगा छठ का पर्व  4 दिन तक चलता है। षष्ठी का यह पर्व 19 नवंबर 2023 को है। नहाए खाए से इसका प्रारम्भ होता है। फिर दूसरे दिन खरना तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

शुभ मुहूर्त

  • नहाए खाए 17 नवंबर 2023
  • खरना की तिथि 18 नवंबर 2023
  • डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य 19 नवंबर 2023 को सायं काल दिया जाएगा।

Puja Samagri

  1.  बस की दो टोकरी
  2. गन्ने के 5 पेड़ जिनमें पत्ती लगी हो।
  3. गाय का दूध और जल
  4. नए वस्त्र
  5. पान
  6. सुपारी
  7. केला
  8. शरीफा
  9. सुथनी और शकरकंदी
  10. मूली
  11. अदरक का हरा पौधा
  12. संतरा
  13. सिंघाड़ा
  14. गुड़
  15. चावल
  16. सिंदूर
  17. दीपक
  18. शहद
  19. नारियल
  20. ठेकुआ
  21. कलावा धागा
  22. चावल के आटे की मिठाई
  23. कुमकुम
  24. चंदन
  25. धूप बत्ती

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छठ पर्व का महत्त्व

छठ पर्व का प्रथम प्रयास सुहागिन महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु सुख समृद्धि और उन्नति के लिए रखती हैं। छठ के पर्व को सूर्य षष्ठी भी कहते हैं इस दिन छठी माता की पूजा आराधना का प्रावधान है। ऐसी मान्यता है कि छठ का पर्व रखने से की संतान महिलाएं संतान को प्रताप का सुख मिलता है तथा जिनकी संतान है उनकी संतान लंबी आयु को प्राप्त होते हैं तथा उनके जीवन में सुख समृद्धि होती है ।

Chhath festival ki kahani

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रियव्रत नाम का एक राजा था जिसकी कोई संतान नहीं थी वह संतान प्राप्ति के लिए अनेक क्रिया कर्म किए कई प्रकार के यज्ञ हवन किया अत्यधिक पुण्य का कार्य किया लेकिन उसे संतान प्राप्ति का सुख नहीं मिला उसके पश्चात राजा को संतान प्राप्ति के लिए महर्षि कश्यप ने उसे पुत्रयेष्टित यज्ञ करने का परामर्श दिया यज्ञ के पश्चात महारानी ने एक पुत्र को जन्म दिया लेकिन वह पुत्र मृत्यु को प्राप्त हो गया राजा के मृत बच्चों की सूचना से समूचे नगर में शोक की लहर छा गई ऐसा कहा जाता है कि जब राजा मृत बच्चा को  अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी आकाश से एक ज्योतिर्मय विमान धरती पर उतरा इसमें बैठी देवी ने कहा कि मैं षष्ठी देवी हूं और विश्व के समस्त बालकों की रक्षा करती हूं इतना कह कर देवी ने शिशु की मृत शरीर को स्पर्श किया जिससे वह शिशु पुनः जीवित हो उठा इसके पश्चात से ही राजा ने अपने राज्य में या त्योहार मनाने के प्रथम की घोषणा कर दी।

छठ महापर्व क्यों मनाया जाता है ?

छठ महापर्व की शुरुआत महाभारत काल के समय सूर्यपुत्र कर्ण ने प्रारंभ किया था। कर्ण सूर्य देव का परम भक्त था। वह सूर्य को अर्घ्य देते है। इसलिए इस त्यौहार को मनाया जाता है।

छठ का पर्व कब मनाया जाता है ?

छठ का पर्व दीपावली की अमावस्या के पश्चात षष्ठी के दिन मनाया जाता है।

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