प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में नित्य शैय्या से उठकर Karagre vaste Laxmi mantra: हिंदी और संस्कृत में इस मंत्र का जाप करना चाहिए। हमारी सनातन संस्कृति में इस mantra (मंत्र) की महत्ता और इसके प्रभावों का विशेष वर्णन मिलता है। आइए जानते हैं इस mantra (मंत्र ) के बारे में।
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Karagre vaste Laxmi mantra: हिंदी और संस्कृत में
- कराग्रे वसते लक्ष्मी , करमध्ये सरस्वती
करमूले तु गोविन्दः , प्रभाते कर दर्शनम ॥ 1 ।।
Karagre vaste Laxmi : हिंदी अर्थ
इसका हिंदी में अर्थ है कि हमारे पंजे अर्थात् हथेली के आगे वाले भाग में भगवती माता लक्ष्मी जी का निवास है। तथा हथेली के मध्य में विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती विराजमान हैं। तथा हथेली के पश्चिमी भाग अर्थात पंजे के नीचे वाला भाग में भगवान श्री विष्णु जी का निवास है।
प्रातः काल में हम इनके दर्शन करते हैं। इस मंत्र में धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी तथा ज्ञान और विनय कि मां सरस्वती जी की और संपूर्ण सृष्टि के संरक्षक भगवान श्री विष्णु जी की वंदना आराधना की गई है। ऐसा करने से हमारे जीवन में धन संपदा वैभव विद्या ज्ञान यश और भगवत कृपा तथा आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
हमें अपनी हथेलियां के कर दर्शन का प्रमुख कारण यह है कि हम अपने कर्म पर दृढ़ विश्वास करें तथा अपनी आराध्या से यह निवेदन करते हैं की हम अपने हाथों से ऐसा कार्य करें जिससे हमारा जीवन हमारा जीवन धन संपदा सुख समृद्धि ज्ञान और ऐश्वर्या की प्राप्ति कर सके। तथा हम अपनी कर अर्थात हाथों से किसी का अनर्थ ना करें तथा अनजाने में भी इन हाथों से किसी का अनर्थ ना हो।
हमारे यह हाथ हमेशा दूसरों की सहायता के लिए ही आगे बढ़ें। हमारे इन हाथों से कभी दूसरे को व्यक्ति को पीड़ा का सामना न करना पड़े हम अपने इन हाथों से ऐसे कर्म करें । हम अपने आराध्य देवी देवताओं से ऐसी आराधना वंदना करते हैं।
- समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमाले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पाद्स्पर्म क्षेन स्वे ॥ 2 ॥
हिन्दी अर्थ : समुद्र रूपी वस्त्र को धारण करने वाली है जिन्होंने पर्वतों को अपने ऊपर धारण किया हुआ है। ऐसा स्वरूप धारण करने वाली माता पृथ्वी भगवान विष्णु की पत्नी कृपया हमें क्षमा करें। हम विवश हैं कि हमारे चरण आपके ऊपर स्पर्श हो रहे हैं। इसलिए हे धरती मां हम आपके चरणों को
- ब्रह्मा मुरारीस्त्रिपुरांतकारी
भानु शाशी भूमिसुतो बुधश्च ।
गुरुश्च शुक्रः शनि-राहु-केतवः
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम ॥ 3 ॥
हिन्दी अर्थ : सृष्टि के जन्मदाता भगवान ब्रह्मा एवं सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु तथा सृष्टि के संहारक भगवान शंकर को प्रणाम करते हैं तथा सूर्य चंद्रमा मंगल बुध बृहस्पति शुक्र शनि राहु एवं केतु सभी ग्रह एवं देवताओं से प्रार्थना प्रार्थना करते हैं कि आप सभी हमारे प्रणाम को स्वीकार करें एवं हमारा सारा दिन मंगलमय हो। हमारे द्वारा कोई भी कार्य अनर्थ ना हो।
Shri Shani chalisa lyrics in Hindi
Karagre vaste mantra Labh
हमारे द्वारा अपने हाथों की कर रेखाओं के दर्शन का प्रमुख भाव यह है कि हम अपने हाथों द्वारा किए गए कर्मों पर पूर्ण विश्वास करें। हम भगवान से ऐसी प्रार्थना करते हैं कि हम अपनी इन हाथों से ऐसे कम करें जिससे हमारे जीवन में सुख समृद्धि यश कीर्ति ज्ञान इत्यादि प्राप्त हो सके।
हमारे इन हाथों द्वारा किसी का भी अनर्थ ना हो तथा यह हमारे हाथ दूसरों की मदद करने के लिए आगे बढ़े ऐसी हमें प्रेरणा मिलती है। कर दर्शन करने का एक लाभ यह भी है कि हम सुबह जब उठते हैं तो यदि हमारी आंखें सीधे तेज प्रकाश पर पड़ती हैं तो उसे आंखों पर दोष उत्पन्न होता है।
अचानक आंखों के सामने तेज प्रकाश आ जाने पर आंखों में दोष उत्पन्न ना हो इसके अतिरिक्त यदि हम अपनी हथेली अर्थात कर दर्शन करें तो इससे हमारी दृष्टि बाधित नहीं होती है। हमारी दृष्टि एकाग्र हो जाती है।