नवरात्रि का पर्व धूमधाम के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। नवरात्रि का त्योहार पूरे 9 दिनों तक मनाया जाता है।इस लेख में आपको Maha Saptami 2023: महा सप्तमी व्रत कथा के बारे में बताएंगे। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
![Maha Saptami 2023: महा सप्तमी व्रत कथा](https://vedlok.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-03-24-at-1.30.22-PM.jpeg)
Maha Saptami 2023
सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार संवत २०२८०में शारदीय नवरात्रि अर्थात 2023 में शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ आश्विन मास के प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होते हैं यह अतिथि 14 अक्टूबर को रात 11:24 से शुरू होगी और 16 अक्टूबर को सुबह 12:32 पर समाप्त होगी ।
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार शाारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होगी और 24 अक्टूबर को विजय दशमी का त्यौहार मनाया जाएगा।
इसके अनुसार माहा सप्तमी की तिथि 21 अक्टूबर २०२३ को पड़ती है। अतः शारदीय नवरात्रि मे महा सप्तमी का व्रत 21 October दिन रविवार को रखा जाएगा।
Maha Saptami puja
महा सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नित्य कर्मों से निवृत्ति होकर स्नान करने के उपरांत पूजा प्रारंभ करना चाहिए ।
मां कालरात्रि की पूजा में सर्वप्रथम घी का दीपक जलाएं उन्हें लाल रंग के फूल अर्पण करें देवी महाकाल रात्रि की पूजा में दूध से बने मिठाईयां पंचमेवा पांच प्रकार के फल अक्षत धूप गंध पुष्प और गुड़ नए विद्या आदि अर्पण किया जाता है।
मां कालरात्रि के इस दिन अर्थात महा सप्तमी व्रत का विशेष महत्व है। मां दुर्गा के इस स्वरूप को गुना या उससे बने पकवान का भोग लगाना चाहिए पूजा समाप्त के पश्चात मंत्रों का उच्चारण कर उनकी आरती उतारती चाहिए साथ ही दुर्गा चालीसा दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
Shri Shani chalisa lyrics in Hindi
Maha Saptami 2023: महा सप्तमी व्रत कथा
नवरात्रि के सातवें दिन महा सप्तमी मनाई जाती है नवरात्रि के इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस क्रम के अनुसार सातवें दिन महा सप्तमी पड़ती है।
इस दिन मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप महाकाल रात्रि की पूजा उपासना एवं की जाती है माता का यह स्वरूप भयंकर माना जाता है। मां कालरात्रि के इस भयंकर स्वरूप में तीन नेत्र हैं साथ ही उनके गले मे विद्युत की माला पड़ी है और उनके हाथों में तलवार और वज्र है।
इसकी अतिरिक्त मां कालरात्रि के इस स्वरूप का वाहन गधा है मां कालरात्रि की पूजा से और रोगों का नाश होता है। मां दुर्गा के इस रूप की उपासना से भय और रोगों का नाश होता है।
कालिका पुराण में कथा आती है कि एक बार हिमालय पर अवस्थित मतंग मुनि के आश्रम में जाकर देवताओं ने महामाया की स्तुति की स्तुति से प्रसन्न होकर मातंग वनिता के रूप में भगवती ने देवताओं को दर्शन दिया और पूछा कि तुम लोग किसकी स्तुति कर रहे हो।
इस समय देवी के शरीर से काले पहाड़ के समान वर्ण वाली एक और दिव्य नारी का प्रकट हुआ उसे महत्व तेजस्वी ने स्वयं ही देवताओं की ओर से उत्तर दिया कि यह लोग मेरा ही स्तवन (स्तुति) कर रहे हैं। वे देवी काजल के समान कृष्णा थी इसलिए उनका नाम काली पड़ा।
दुर्गा सप्तशती के अनुसार एक बार शुंभ निशुंभ के अत्याचार से परेशान होकर देवताओं ने हिमालय पर जाकर देवी सूक्ति से देवी की आराधना की तब गौरी की देह से कोशिका प्रकट हुई कोशिका के अलग होते ही अंबा पार्वती का स्वरूप कृष्णा हो गया जो कई नाम से प्रचलित हुई काली को नील रूप होने के कारण तारा भी कहते हैं।
नारद पांचरात्र के अनुसार एक बार काली के मन में आया कि वह पुनः गोरी हो जाए यह सोचकर भी अंतर ध्यान हो गई शिवजी ने नारद जी से उनका पता पूछा नारद जी ने उनसे सुमेर के उत्तर में देवी के प्रत्यक्ष उपस्थिति होने की बात बताई।
शिवजी की की प्रेरणा से नारद जी वहां गए उन्होंने शिव जी के साथ विवाह का प्रस्ताव रखा प्रस्ताव सुनकर देवी क्रोधित हो गई और उनके देश से एक अन्य षोडशी विग्रह प्रकट हुआ। और उसे छाया विग्रह होकर त्रिपुर भैरवी का प्रकट हुई।
Maha Saptami mantra
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
Maha Saptami dhyan mantra
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
महा सप्तमी किस दिन है ?
माहा सप्तमी की तिथि 21 अक्टूबर २०२३ को पड़ती है। अतः शारदीय नवरात्रि मे महा सप्तमी का व्रत 21 October दिन रविवार को रखा जाएगा।
महा सप्तमी में किसकी पूजा की जाती है ?
नवरात्रि के सातवें दिन महा सप्तमी मनाई जाती है नवरात्रि के इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।