Mahatma Gandhi In Hindi: महात्मा गांधी की कहानी

मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें हम महात्मा गांधी के नाम से जानते हैं मित्रों आप सबने महात्मा गांधी का नाम और सुना होगा जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। क्या आप जानते हैं Mahatma Gandhi In Hindi: महात्मा गांधी की कहानी हम आपको इस लेख में गांधी जी के संपूर्ण जीवन का वर्णन करेंगे। जिससे आप महात्मा गांधी के द्वारा किए गए देश के लिए कार्यों का मूल्यांकन आप स्वयं कर सकेंगे। और महात्मा गांधी द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियां के बारे में आप आसानी से समझ जाएंगे।

Mahatma Gandhi Ka janma: महात्मा गांधी का जन्म

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म सन 1869  में भारत के मुंबई जो उसे समय बंबई के नाम से जाना जाता था। के एक छोटे से शहर में हुआ था। इनके पिताजी का नाम करमचंद गांधी था। उनके बचपन का नाम मोहन था। इनके पिताजी की छह संतान थी। उनमें  महात्मा गांधी सबसे छोटे थे। इनके पिताजी दीवान थे जो लोगों की बीच की समस्याओं को सुलझाते थे। बिल्कुल जज की तरह। मोहन की मां एक मंदिर में जाया करती थी वहां वे गरीबों और बीमारों की देखभाल किया करती थी। मोहन की मां उपवास रखती थी और वे उपवास के दिन कुछ भी ग्रहण नहीं करती थी। महात्मा गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में उपवास का प्रयोग किया था।

Gandhi ka Bachpan: गांधी का बचपन

जब मोहनदास करमचंद गांधी केवल 13 वर्ष के थे तो उनका विवाह कस्तूरबा नामक एक युवती से हुआ। महात्मा ने 15 वर्ष की आयु में धूम्रपान करने का प्रयास किया था और उन्होंने अपने नौकर के पैसे चुराए फिर आगे चलकर अपने भाई के गने का एक टुकड़ा चुराया लेकिन मोहन को ऐसी बातें हैं बहुत बुरी लगी। उसके पश्चात मोहनदास ने एक पत्र लिखकर अपने पिताजी को अपने किए गए समस्त बुरे कर्मों की जानकारी दी। और उन्होंने अपने पिताजी से दंड देने को कहा परंतु उनके पिताजी ने बिल्कुल विपरीत किया गांधी को तब बहुत आश्चर्य हुआ जब उनके पिताजी रोने लगे और मोहन को दंड न देकर उन्हें माफ कर दिया।

Mahatma Gandhi ki Shiksha: गांधी जी की शिक्षा

गांधी जी का परिवार वैश्य वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत आते थे। जब वह 18 वर्ष के थे तब उनके परिवार ने उन्हें इंग्लैंड के एक कॉलेज में भेजने का निर्णय किया उसे समय इंग्लैंड का भारत प्रशासन था जब व्यापारी जाति के नेताओं को इसका पता चला तो वे अत्यंत क्रोधित हुए क्योंकि उनकी जाति का कोई भी व्यक्ति कभी पढ़ाई के लिए देश से बाहर नहीं गया था। लेकिन मोहनदास अपनी बात पर अड गए और उन्होंने कहा भी किसी भी स्थिति में विदेशी जाएंगे ।

आप उनकी जाति के नेताओं ने फोन को व्यापारी ज्यादा से निष्कासित कर दिया और उन्होंने कहा उसके बाद कोई भी मोहन से बात नहीं करेगा। मोहन दास को उन नेताओं के विरुद्ध कोई भी द्वेष अथवा इर्ष्या नहीं रखा उसके बाद वे कभी भी उस जाति का हिस्सा नहीं बने। माहात्मा इंग्लैंड में 3 वर्षों तक रहे और वकील बने उन्होंने अपनी मां से वादा किया कि कभी भी मांस का सेवन नहीं करेंगे और न ही शराब पियेंगे। और वे अपने दोनों वादों को निभाए। दास पढ़ाई में अच्छे थे उन्होंने अंग्रेजी भाषा का अच्छी तरह से उपयोग करना सीखा।

South Africa me Gandhi ji

1891 में, गांधी इंग्लैंड से लौटे उन्हें घर आने की खुशी हुई लेकिन एक बुरा समाचार उनकी प्रतीक्षा कर रही थी। इंग्लैंड छोड़ने से कुछ महीने पहले ही उनकी मां की मृत्यु हो गई थी इससे गांधी जी अत्यंत दुखी थे उनकी मां को अब यह कभी नहीं पता चलेगा कि उसने अपने वादे निभाए थे और अपने कानून की डिग्री भी पूरी कर ली। गांधी भारत में एक वकील के रूप में काम किया पर सफल नहीं हुए। क्योंकि वह अंग्रेजी कानून जानते थे भारतीय कानून नही।

1893 में एक केस को देखने के लिए पुणे दक्षिण अफ्रीका भेजा गया अफ्रीका में एक भारतीय के लिए रहना आसान नहीं था। एक दिन गांधी फर्स्ट क्लास के टिकट के साथ ट्रेन में सवार हुए।क्योंकि वे गोरे नहीं थे। इसलिए उनके फर्स्ट क्लास का डिब्बा छोड़ने को कहा गया लेकिन वे ऐसा नहीं किया तो एक पुलिसकर्मी ने गांधी को ट्रेन से नीचे फेंक दिया ।वे रेलवे स्टेशन में रात भर बैठ रहे। और उन्होंने भारतीयों के प्रति इस भेदभाव का प्रतिरोध करने का निर्णय लिया।

गांधी लगभग 20 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका में रहे वह अपनी पत्नी को अपने साथ रहने के लिए ले गए गांधी वहां रहने वाले भारतीयों के बीच एक नेता बन गए उन्होंने भारतीय लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और एक समाचार पत्र शुरू किया उन्होंने एक बड़ा फर्म खरीदा जहां भारतीयों ने एक दूसरे की मदद करने के लिए मिलकर काम किया उन्होंने अपने कपड़े खुद बनाए और जमीन पर खेती की उन्होंने संतरा उगाया और रोटी के लिए गेहूं उगाया। दक्षिण अफ्रीका सरकार ने भारतीयों को कर चुकाने का आदेश दिया गांधी जी ने कर भुगतान करने से मना कर दिया तब एक पुलिस अफसर ने उन्हें जेल में डाल दिया था। गांधी ने दक्षिण अफ्रीका तब छोड़ा जब सरकार ने भारतीयों को स्वतंत्रता देने वाला कानून पास नहीं किया।

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Bharat Mein Gandhi ji

सन 1911 में जब गांधी भारत लौटे तब देश में अंग्रेजों का शासन था अंग्रेजों का उद्देश्य भारत की संपदा और उसके मसाले कपड़े और अन्य सामान की भंडार पर थी उन्होंने भारत से उत्पादों को लिया और फिर लोगों को इस सामान को वापस महंगी कीमतों पर खरीदने को विवश किया। गांधी चाहते थे कि अंग्रेज भारत पर शासन करना छोड़ दे और शासन का अधिकार भारतीयों को दे दें।

उसके पश्चात गांधी जी ने अंग्रेजों को भारत से भागने के लिए अनेक आंदोलन किए। गांधी जी का पहला आंदोलन नागरिक अवज्ञा आंदोलन था जो बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 को शुरू हुआ था। गांधी जी का दूसरा बड़ा आंदोलन रोलेट एक्ट का विरोध था। अंग्रेजों द्वारा 1919 में रोलेट एक्ट पास किया गया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश ने इस कानून का विरोध किया। गांधी जी का एक आंदोलन असहयोग आंदोलन था जो 1920 में चलाया था।

गांधी जी का एक आंदोलन नमक सत्याग्रह पर था गांधी जी द्वारा चलाए गए सभी आंदोलन में से यह आंदोलन सबसे महत्वपूर्ण था महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 में साबरमती आश्रम जो की अहमदाबाद में स्थित है दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च निकाला था। इसके पश्चात गांधी जी ने एक बड़ा आंदोलन किया जिसका नाम था भारत छोड़ो आंदोलन या आंदोलन महात्मा गांधी ने अगस्त 1942 में अंग्रेजों के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी।

इसके साथ ही एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन करो या मरो भी आरंभ किया था।अंततः वह दिन आ गया जब भारत से अंग्रेज अपना शासन छोड़ने के लिए तैयार हो गए 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने भारत को सत्ता सौंप दिए।उसके साथ-साथ अंग्रेजों ने भारत के दो टुकड़े कर दिए हैं। जिसमें उन्होंने एक हिस्सा पाकिस्तान और दूसरा भारत का बनाया।

Gandhi ji Ko Goli Kyon Mari Godse Ne

गांधी जी कहते थे भारत के टुकड़े मेरी लाश पर हो गए परंतु ऐसा नहीं हुआ भारत के दो टुकड़े हो गए और गांधी जी जीवित रहे गांधी जी पाकिस्तान को 55 करोड़ देने के लिए धरने पर बैठ गए। और गांधी जी ने पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को मस्जिदों से निकाल दिया जो कि उसे समय भीषण ठंड थे और गरीब लोग कहीं नहीं जा सकते थे। गांधी जी की इन सभी क्रियो पर नाथूराम गोडसे ने अपनी आंखों से देखा और अंततः गांधी जी की इन गलत नीतियों के चलते नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गांधी जी को गोली मार दिया।

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से वापस कब लौटे ?

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत में 1911 में वापस आए।

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में किसकी खेती करते थे ?

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में संतरे की खेती करते थे।

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